विवादों मे घिरा (जलपरी) का अभियान

कानपुर से 570 किलोमीटर गंगा में तैरकर वाराणसी जाने का दावा करने वाली ‘‘जलपरी’’ के नाम से मशहूर श्रद्धा शुक्‍ला का अभियान विवादों में घिर गया है। 
राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार विजेता फिल्‍मकार विनोद कापड़ी का आरोप है कि श्रद्धा देश के लोगों को भम्र में रखने की कोशिश कर रहीं है।वह अपने इस अभियान के दौरान ज्‍यादातर नांव पर ही रहती है।वह तैराकी के लिए उसी समय उतरती हैं ,जब या तो कोई घाट आने वाला होता है या आस-पास लोगो भीड़ ज्‍यादा हो।

फिल्‍मकार विनोद कापड़ी, श्रद्धा के अभियान को लेकर एक फिल्‍म ‘जलपरी’ बना रहे हैं। उन्‍होने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह इस अभियान की खबरों को लेकर उत्‍साहित होकर वह यहां  डॉक्‍यूमेंट्री फिल्‍म बनाने पहंचे थे,लेकिन जब वह जलपरी के अभियान में तीन दिन साथ रहें तो उन्हें निराशा हुई।उन्‍होनें कहा कि यह अभियान सिर्फ छलावा है इससे देश के लोगो को गुमराह किया जा रहा है।

कापड़ी ने कहा कि अब वह अपनी डॉक्‍यूमेंट्री में यह दिखायेंगे कि इस अभियान के दौरान जलपरी 80-100 किलोमीटर नही बल्कि सिर्फ 2-3 किलोमीटर ही तैरा करती थी। बाकी समय वह नांव मे बिताती है।दरअसल 80-100 किलोमीटर की जिस दूरी का दावा किया जाता है,वह नांव के चलने की दूरी होती है।

डॉक्‍यूमेंट्री मे जलपरी के साथ चल रहे नौका दल प्रमुख मान सिंह पासवान,पिंटू निषाद और राममिलन निषाद का इंटरव्‍यू लिया गया है।कापड़ी का दावा है कि तीनों ने ही इस डॉक्‍यूमेंट्री मे खुलासा किया है कि पहले दिन से ही लोगो को भ्रम मे रखने की कोशिश चल रही है,जिसे देखकर उन्‍हें अफसोस होता था लेकिन वह क्‍या कर सकते थे कोई उनसे बात ही नहीं  करता था।

कापड़ी ने कहा कि उन्‍हें बच्‍ची से हमदर्दी है। यह सब वो नही बल्कि उसके पिता कर रहे है।उन्‍होने कहा कि कई जगह बच्‍ची को गंगा मैय्या का अवतार मानकर लोग उसकी आरती उतार रहे हैं, उसके पैर तक छू रहें है।लाखों लोगो की आस्‍था और विश्‍वास को देखते हुए ही उन्‍होने सच सामने लाने का फैसला किया है।

वहीं श्रद्धा के पिता ललित शुक्‍ला का कहना है कि डॉक्‍यूमेंट्री बनाने वाले लोग उनकी ही नांव पर सवार थे,जिन्‍हे इलाहाबाद मे उतार दिया गया था,हो सकता है इसलिए वह ऐसे आरोप लगा रहे हों।