हाईकोर्ट ने अखिलेश सरकार को फटकारा, बुलंदशहर केस की जांच CBI के हवाले

बुलंदशहर गैंगरेप को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की उदासीनता को देखते हुए हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर घटना की जांच सीबीआी के सुपुर्द कर दी है। कोर्ट ने सूबे की अखिलेश सरकार को जमकर खरीखोटी सुनाई है।इस मामले में अगली सुनवाई अब 17 अगस्त को होगी। यूपी सरकार की जांच प्रक्रिया पर भी हाईकोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर घटना पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। कोर्ट ने पुलिस से मां और बेटी के बयान की केस डायरी भी तलब की है। कोर्ट ने पुलिस से सवाल किया कि आरोपियों को मेडिकल टेस्ट क्यों नहीं कराा गया। देरी से आरोपियों को गिरफ्तार करने पर भई कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस आरोपियों को रिमांड में लेकर पूछताछ करे।

इसके अलावा महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में बढ़ोतरी पर भी हाईकोर्ट ने चिंता जाहिर की है। अपराध रोकने में नाकम अधिकरियों के खिलाफ कार्यवाही का आदेश भी हाईकोर्ट ने दिया है। चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था के लिए प्रशासनिक अमला जिम्मेदार है। लेकिन इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा है।

बुलंदशहर में हाईवे पर गैंगरेप कांड पर अखिलेश सरकार चौतरपा घिरी हुई है। एक तरफ पुलिस और प्रशासन की नाकामी के कारण सरकार  को सुनना पड़ रहा है। तो वहीं अब हाईकोर्ट ने भी सरकार की पोल खोल दी है। पीड़ित परिवार लगातार आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहा है। इस मामले में जांच को लेकर भी अखिलेश सरकार पर आरोप लगे रहे हैं। कहा जा रहा है कि खास संप्रदाय से संबंधितों लोगों को लेकर यूपी सरकार उदासीन है।