अब रहम की भीख मांगेगा पाकिस्तान

भारत दौरे पर आए मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के साथ यहां शुक्रवार को द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत तथा मिस्र अधिक से अधिक जानकारियों तथा अभियानों की साझेदारी में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे।
दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल-स्तरीय वार्ता के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति और मेरा एक ही विचार है कि कट्टरपंथ, बढ़ती हिंसा तथा आतंकवाद का प्रसार केवल दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्र के तमाम देशों व समुदायों के लिए वास्तविक खतरा है।”

उन्होंने कहा, “इस संदर्भ में, हमने रक्षा व सुरक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है, जिसका उद्देश्य-रक्षा व्यापार में इजाफा करना, प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण, आतंकवाद से मुकाबले के लिए सूचनाओं व अभियानों की अधिकाधिक साझेदारी, उभरती साइबर सुरक्षा की चुनौती पर सहयोग, मादक पदार्थो की तस्करी से निपटने के लिए मिलकर काम करना, अंतर्राष्ट्रीय अपराधों तथा धनशोधन से निपटना है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह तथा राष्ट्रपति अल-सीसी ने दोनों देशों के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कार्रवाई आधारित एजेंडे पर सहमति जताई है।

उन्होंने कहा, “एक एजेंडा जो हमारी सामाजिक-आर्थिक प्राथमिकता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करता हो, व्यापार व निवेश संबंधों को बढ़ावा देता हो, हमारे समाज की सुरक्षा करता हो, हमारे क्षेत्र में शांति व समरसता कायम करने में मदद करता हो तथा क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर हमारे संबंधों में इजाफा करता हो।”

मोदी ने कहा, “हम समझते हैं कि मजबूत व्यापार व निवेश संबंध हमारे समाज की आर्थिक समृद्धि के लिए जरूरी है।”

उन्होंने कहा, “इसलिए हमने वस्तुओं, सेवाओं तथा पूंजी के आदान-प्रदान को बढ़ाने पर सहमति जताई है, जो हमारी महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में शामिल है।”

मोदी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद शुक्रवार को जिस समुद्री परिवहन सहयोग पर हस्ताक्षर हुआ, वह एक महत्वपूर्ण प्रेरक का काम करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं अपने देश के निजी क्षेत्र से आग्रह करूंगा कि वे दोनों देशों के बीच नई वाणिज्यिक साझेदारी व व्यापार का नेतृत्व करें।”

उन्होंने कहा, “आर्थिक सहयोग के क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए हम कृषि, कौशल विकास, छोटे तथा मध्यम उद्योग एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करेंगे।”

भारत व मिस्र को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ दो प्राचीन सभ्यता करार देते हुए मोदी ने कहा कि अल-सीसी ने दोनों देशों की जनता के बीच आदान-प्रदान व सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर जोर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हम इस बात से सहमत हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सुधार करने की जरूरत है।”

राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी की यात्रा के बाद मिस्र के किसी राष्ट्रपति की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है।

हालांकि इसके पहले अल-सीसी भारत-अफ्रीका फोरम समिट में हिस्सा लेने बीते साल अक्टूबर में नई दिल्ली आए थे।