कान खोलकर सुन लें अलगाववादी, कश्‍मीर पर राष्‍ट्रीय सुरक्षा से नहीं होगा कोई समझौता

कश्‍मीर में पिछले 34 दिनों से जारी हिंसा के बीच मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि वो किसी भी सूरत में राष्‍ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेगी। इस मसले को लेकर शुक्रवार को लोकसभा में चर्चा भी हुई। सदन ने सर्वसम्‍मति से एक प्रस्‍ताव भी पास किया है। जिसमें कहा गया है कि कश्मीर मसले पर राज्य के लोगों और युवाओं का भरोसा कायम करने की पूरी कोशिश की जाएगी। सदन ने कश्‍मीर में लंबे वक्‍त से जारी हिंसा और कर्फ्यू को लेकर भी चिंता जताई।

वहीं, दूसरी ओर कश्‍मीर मसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय मीटिंग भी बुलाई हुई है। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ-साथ विपक्ष और दूसरे दलों के नेता भी मौजूद हैं। जिसमें कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद समाजवादी पार्टी की ओर से मुलायम सिंह यादव, वाईएस चौधरी जैसे बड़े नेता इस मीटिंग में अपनी-अपनी राय रख रहे हैं।

मोदी सरकार का रुख साफ है कि वो किसी भी कीमत पर भारत की एकता और अखंडता से समझौता नहीं करने वाली है। सारे फैसले राष्‍ट्रीय सुरक्षा को ध्‍यान में रखकर ही किए जाएंगे। इस मसले पर चर्चा के लिए सदन की कार्यवाही को भी स्‍थगित कर दिया गया था। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन के भीतर कश्‍मीर मुद्दे पर संकल्‍प पढ़ा। इसमें कहा गया है कि सदन कश्मीर घाटी में लंबी अशांति, हिंसा और कर्फ्यू पर गहरी चिंता जताता है।

लोकसभा अध्‍यक्ष ने कहा कि सदन कश्‍मीर के बिगड़ते हालात के कारण लोगों की जान जाने और गंभीर रूप से घायलों के प्रति अपनी संवेदना और चिंता व्‍यक्‍त करता है। सदन का ये दृढ़ और सुविचारित मत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए शांति-व्यवस्था कायम की तत्‍काल जरुरत है। इस ओर फौरन कदम उठाए जाएं। सदन ने कश्‍मीर के लोगों से भी अपील की है कि वो सौहार्द की बहाली के लिए शांति बनाए रखें।